डिलीवरी के बाद माँ को होने वाले आम इंफेक्शन और उनसे बचाव (Delivery Ke Baad Maa Ko Hone Wale Aam Infection Aur Unse Bachav)
डिलीवरी के बाद माँ का शरीर कमजोर होता है और कई बार संक्रमण (Infection) होने की संभावना बढ़ जाती है। यह संक्रमण शरीर के अलग–अलग हिस्सों में हो सकता है और यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो गंभीर भी बन सकता है। इसलिए हर नई माँ के लिए जरूरी है कि वह इन आम इंफेक्शन के लक्षण, कारण और उनसे बचाव के उपाय अच्छी तरह समझे।
डिलीवरी के बाद संक्रमण क्यों होता है?
डिलीवरी के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं — खून का बहाव, टांके, और इम्यून सिस्टम का कमजोर होना संक्रमण का कारण बन सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण हैं:
- प्रसव के दौरान खुले घाव या टांके
- साफ–सफाई की कमी
- शरीर की थकावट और कमज़ोर इम्यूनिटी
- अस्पताल में हुए संक्रमण
- स्तनपान या यूटेरस में बैक्टीरिया का फैलना
इन कारणों से संक्रमण का खतरा बढ़ता है, लेकिन थोड़ी सावधानी से इसे रोका जा सकता है।
टांके या घाव में संक्रमण
डिलीवरी के बाद यदि नॉर्मल डिलीवरी या सी–सेक्शन हुआ है, तो टांके की जगह पर इंफेक्शन होने की संभावना रहती है।
लक्षण:
- लालिमा या सूजन
- दर्द या जलन
- बदबू या पस निकलना
- बुखार
बचाव के उपाय:
- टांके को हमेशा साफ और सूखा रखें
- गुनगुने पानी से हल्के हाथों से सफाई करें
- डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं
- संक्रमण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें
साफ–सफाई बनाए रखना टांके की सही देखभाल का सबसे अच्छा तरीका है।
स्तन (Breast) संक्रमण या मस्टाइटिस
स्तनपान कराने वाली माताओं को मस्टाइटिस (Mastitis) का खतरा अधिक होता है। यह तब होता है जब दूध नली में बैक्टीरिया या रुकावट आ जाती है।
लक्षण:
- स्तन में सूजन या दर्द
- लालिमा और गर्माहट
- बुखार या कंपकंपी
- दूध पिलाने में असहजता
बचाव:
- स्तनपान के बाद दूध पूरी तरह निकालें
- आरामदायक ब्रा पहनें
- बहुत देर तक दूध न रोकें
- स्तन की हल्की मालिश करें
सही स्तनपान पोजीशन और नियमित फीडिंग से यह संक्रमण आसानी से रोका जा सकता है।
मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI)
डिलीवरी के बाद मूत्र मार्ग संक्रमण (Urinary Tract Infection) बहुत आम है, खासकर अगर डिलीवरी लंबी चली हो या कैथेटर का उपयोग किया गया हो।
लक्षण:
- पेशाब के समय जलन
- बार–बार पेशाब आने की इच्छा
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- बदबूदार पेशाब
बचाव:
- पर्याप्त पानी पिएं
- बार–बार पेशाब न रोकें
- निजी अंगों की सफाई रखें
- हल्के सूती कपड़े पहनें
समय पर इलाज से UTI को जल्दी ठीक किया जा सकता है और जटिलता से बचा जा सकता है।
गर्भाशय (Uterus) संक्रमण
कभीकभी डिलीवरी के बाद गर्भाशय में बैक्टीरिया संक्रमण हो सकता है, जिसे एंडोमेट्राइटिस (Endometritis) कहते हैं।
लक्षण:
- लगातार बुखार रहना
- पेट में दर्द या भारीपन
- बदबूदार रक्तस्राव
- कमजोरी और थकान
बचाव:
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीबायोटिक कोर्स पूरा करें
- संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
- उचित स्वच्छता का पालन करें
यह संक्रमण गंभीर हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें।
त्वचा या सी-सेक्शन घाव में संक्रमण
सी–सेक्शन के बाद घाव के आसपास संक्रमण आम है।
लक्षण:
- घाव पर सूजन, जलन या पस
- दर्द या बुखार
- बदबूदार डिस्चार्ज
बचाव:
- घाव को सूखा और ढका रखें
- हाथ धोकर ही टांके के पास छुएं
- संक्रमण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाएं
साफ–सफाई और सही दवा से घाव जल्दी ठीक हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से बचाव
डिलीवरी के बाद मानसिक तनाव और थकान भी शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- पर्याप्त नींद लें
- परिवार से मदद लें
- मेडिटेशन या हल्की सांस की एक्सरसाइज करें
- ज़रूरत पड़े तो डॉक्टर या काउंसलर से बात करें
स्वस्थ मन से शरीर की रिकवरी भी तेजी से होती है और संक्रमण का खतरा कम रहता है।
पोषण और इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
डिलीवरी के बाद सही आहार से शरीर मजबूत रहता है और संक्रमण से बचाव होता है।
- प्रोटीन: अंडा, दालें, दूध
- विटामिन C: संतरा, आंवला, नींबू
- आयरन: पालक, मेथी, गुड़
- हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी और नारियल पानी
पौष्टिक आहार शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को बढ़ाता है।
घरेलू और प्राकृतिक उपाय
संक्रमण से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय भी कारगर हैं:
- हल्दी वाला दूध: सूजन और इंफेक्शन कम करता है
- तुलसी चाय: इम्यूनिटी बढ़ाती है
- गर्म पानी से स्नान: शरीर को साफ और रिलैक्स रखता है
- नारियल तेल से मालिश: शरीर को पोषण और गर्माहट देता है
इन उपायों को अपनाने से शरीर मजबूत होता है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें
अगर नीचे दिए गए लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- लगातार तेज बुखार
- टांके में पस या लालिमा
- बदबूदार रक्तस्राव
- सांस लेने में तकलीफ या शरीर में सूजन
समय पर इलाज से संक्रमण फैलने से पहले रोका जा सकता है।
अंतिम विचार
डिलीवरी के बाद संक्रमण आम है, लेकिन थोड़ी जागरूकता और सही देखभाल से इससे बचा जा सकता है। साफ–सफाई, पौष्टिक भोजन, पर्याप्त आराम, सही हाइजीन और समय पर डॉक्टर से जांच ये पाँच बातें हर माँ को ध्यान में रखनी चाहिए।
स्वस्थ माँ ही अपने बच्चे की अच्छी देखभाल कर सकती है। इसलिए खुद का ख्याल रखें, सावधानी अपनाएं और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।